आज का गणतंत्र ये आज की सदी है जुबां पर लगाम या अभिव्यक्ति की आज़ादी है सोच का प्रवाह या सोच है कहीं रुकी जो रोक दे बढ़ने से पहले है इसी में तेरा निज़ाम है जुबां पर लगाम या अभिव्यक्ति की आज़ादी Abhinav SinghMedia Professional & Poet
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