“जीवन उनका नही युधिष्ठिर, जो उससे डरते हैं, वह उनका, जो चरण रोप, निर्भय होकर लड़ते हैं, मही नही जीवित है, मिट्टी से डरनेवालों से, जीवित है यह, उसे फूंक, सोना करनेवालों से “ राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कालजयी रचना ‘कुरुक्षेत्र’ से उद्धृत उपरोक्त पंक्तियाँ सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे …
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