मिट्टी से ही बना हूँ
मिट्टी में ही मिल जाऊँगा
एक दिन के लिए ही सही
तुम्हारे घर की रौशनी
और रौनक बन जाऊँगा
मुझे नज़रअंदाज़ ना करना
मुझे अपनाए रखना
इलेक्ट्रॉनिक दीये से
सस्ते में मिल जाऊँगा
एक दिन के लिए ही सही
जगमगाते पलों सा
एक खूबसूरत याद बन जाऊँगा
मुझे बनाने वाले के
घर भी खुशियाँ आये
और जलाने वाले के
घर भी खुशियाँ हो
एक दिन के लिए ही सही
दोनों जगह एक रूप सा मिलूँगा
भेद मिटाऊँगा
मिट्टी से ही बना हूँ
मिट्टी में ही मिल जाऊँगा
एक दिन के लिए ही आऊँगा
पर सब रौशन कर जाऊँगा

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