दिशा तेरी तू कर ले तय
रास्ता मिल ही जायेगा
अभी नहीं मंज़िल दिखी
तो गौर कर
रुके बिना कदम बढ़ा
अँधेरा है तो क्या हुआ
तू गौर कर
ख़त्म न तलाश कर
जो कुछ कहे मन तेरा
तो गौर कर
धुंधला धुंधला कुछ नज़र में आएगा
जिस दिशा में बढ़ चला
मंज़िल उस ओर पाएगा
तू गौर कर
अभी तो बस चला है तूं
अभी तो बना है तूं
भटक भटक के अब कही
दिशा सही पाई है
ये रास्ता तेरा ही है
क्या कह रहा?
तू गौर कर
छटेंगे अँधेरे हलके हलके
जो जो तू बढ़ता जायेगा
कहे जो कुछ मन तेरा
तो गौर कर
दिख रही जो दूर है
वो खुद न चल के आएगी
कदम बढ़ा तू चल
मंज़िल तुझे पुकारती
तू गौर कर