मुझे ईमेल, फेसबुक, ट्विटर पर हिंदु और इस्लाम धर्म के रक्षकों से ख़ूब धमकियाँ और गालियाँ पड़ती हैं। मेरे परिवार, खानदान के ख़िलाफ़ लिखते हैं लोग, मेरे खून और परवरिश पर सवाल उठाने वाले लोग भी हैं। केजरीवाल की आलोचना करो तो बीजेपी का एजेंट बताते हैं, मोदी की आलोचना …
Read More »मैं अन्ना नहीं !!
(यह लेख अनुपम ने वर्ष 2011 में तब लिखा था जब अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अपने चरम पर था। ऐसे दौर में जब हर तरफ लोग “मैं अन्ना हूँ” की टोपी पहनकर घूम रहे थे, उसी वक़्त अनुपम ने यह लेख लिखा था।) बड़े दिनों से कुछ लिखने …
Read More »निखिल डे – जिन्होंने अपना निखिल जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया है
“जीवन उनका नही युधिष्ठिर, जो उससे डरते हैं, वह उनका, जो चरण रोप, निर्भय होकर लड़ते हैं, मही नही जीवित है, मिट्टी से डरनेवालों से, जीवित है यह, उसे फूंक, सोना करनेवालों से “ राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कालजयी रचना ‘कुरुक्षेत्र’ से उद्धृत उपरोक्त पंक्तियाँ सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे …
Read More »