Tuesday , March 21 2023

Musings

अनंत आशाएं..

बड़ी रात हो गयी है दूर दूर शांत सा उम्मीद के उपहास सा घनघोर अन्धकार है     पर हृदय में कहीं इस दृश्य से परे अजब सी है खलबली प्रकाश ही प्रकाश है|     इस निशा की गोद में जहाँ चाँद भी दिखे नहीं वियोग हो समाज में और आस कोई है नहीं     फिर भी हर …

Read More »

मिट्टी से ही बना हूँ ..

मिट्टी से ही बना हूँ मिट्टी में ही मिल जाऊँगा एक दिन के लिए ही सही तुम्हारे घर की रौशनी और रौनक बन जाऊँगा मुझे नज़रअंदाज़ ना करना मुझे अपनाए रखना इलेक्ट्रॉनिक दीये से सस्ते में मिल जाऊँगा एक दिन के लिए ही सही जगमगाते पलों सा एक खूबसूरत याद …

Read More »

मेरी मोहब्बत ..

श्रृंगार शब्दों से कविता की भाषा में पढूं तेरे लिए ज़ुबाँ इसी आशा में तारीफ़ जो तूने की पढ़ना हुआ सफल ज़िन्दगी मिल गयी एक नई परिभाषा में तुम हो तो इश्क़ है बिन तेरे ही अश्क है गीतों में जो तुम नहीं लिखना ही खुश्क है कुछ लिख मैं …

Read More »